किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥ साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।। शिवाष्टकस्तोत्र को सुबह- शाम किसी भी दिन https://shivchalisas.com