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Everything about shiv chalisa lyricsl

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!... माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa

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